अक्टूबर 2024 में रिटेल महंगाई दर 6.21 पर पहुंची: आम जनता पर फूटा महंगाई का बोझ

खाने पीने की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण अक्टूबर 2024 में रिटेल महगाई दर 6.21% पर पहुंच गई है जो 14 महीनो का उत्तम स्तर है जानें किन वस्तुओं की कीमतों में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ और कैसी यह मंगाई दर ग्रामीण और शहरी क्षेत्र को प्रभावित कर रही है


अक्टूबर 2024 में रिटेल महंगाई दर 6.21 पर पहुंची: आम जनता पर फूटा महंगाई का बोझ

अक्टूबर 2024 में भारत की रिटेल महगाई दर 6.21% तक पहुंच गई है पिछले 14 महीनो में यह महगाई का उत्तम स्रोत है महंगाई में बढ़ोतरी का मुख्य कारण खाने-पीने की वस्तुएं क्योंकि की कीमतों में इजाफा है



  1. महगाई के आंकड़े और योगदान 

 अगस्त 2024 से महंगाई 6.83 परसेंट रही थी जबकि सितंबर में यह 5. 49 पर्सेंट थी खाने पीने की वस्तुएं जिनका महंगाई बास्केट में 50% योगदान है अक्टूबर में 10.87% से महंगी हुई ग्रामीण और शहरी महंगाई दर में भी वृद्धि हो चुकी है ग्रामीण महंगाई दर 6.68% और शहरी मंहगाई दर 5.62% तक बढ़ी चुकी है 



 2. खाने पीने की वस्तुओं की कीमतों में बदलाव

अनाज सिताबर में 6.84% से अक्टूबर में 5684% तक बढ़ोतरी 


मीट और मछली: 2.66 से बढ़कर 3.17


खाने का तेल: 2.47 परसेंट से 9.51% तक


 फल: 7.65% से 8.43% तक 


सब्जियां: 35.99 परसेंट से 42.18 परसेंट की वृद्धि 


मसाले:- 6.3 परसेंट से -7.01% की गिरावत 


 3. महंगाई का प्रभाव

खाने पीने की वस्तुओं के महंगी होने से लोगों की जीवन शैली और बजट पर बड़ा असर पड़ा है ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र में महंगाई के कारण परिवार की खर्चे में वृद्धि हुई है



  4. महंगाई को नियंत्रित करने के उपाय

सरकार द्वारा आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना और आपूर्ति चैन को मजबूत बनाना आयात शुल्क में कटौती और कृषि उपज में वृद्धि की दिशा में उठाए जाने वाले कदम 


Call to action 

खाने पीने की वस्तुओं में महंगाई बढ़ने से आम जनता पर प्रभाव पड़ा है सरकार को महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए और उपाय की आवश्यकता है ताकि आम आदमी को राहत मिले






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